अलीपुरदुआर. डुआर्स के नेपाली समुदाय के लोग भाजपा के साथ हैं. बिहार चुनाव के नतीजों के बाद, राज्य भर के कई जमीनी नेता भाजपा के संपर्क में हैं. गुरुवार सुबह जिले के मदारीहाट में आयोजित एक चाय पार्टी में शामिल होने के दौरान यह बातें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कही है. उत्तर बंगाल की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने अलीपुरदुआर के मदारीहाट से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पैदल तय की. इस बीच उन्होंने जनसंपर्क का काम किया है. जिसके पश्चात गुरुवार दोपहर दिलीप घोष ने कालचीनी ब्लॉक के भारत-भूटान-सीमावर्ती शहर जयगांव के खोखला बस्ती में आयोजित एक राजनीतिक रैली में भाग लेने निकल गए. राजनैतिक महल शुत्रों के अलीपुरदुआर में दिलीप की यात्रा जिले में गोरखा लोगों की दुर्दशा को समझने के लिए है क्योंकि बिमल गुरुंग ने तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया है एवं उन्होंने ममता बनर्जी को फिर से राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में देखने चाहते हैं इसकी भी घोषणा किया है. जिसके चलते जिले के पांच विधानसभा सीटों में से मदारीहाट, कालचीनी और कुमारग्राम सीटों में तीस प्रतिशत गोरखा वोटों का विभाजन होने जा रहा है.

लोकसभा चुनाव की हवा को बनाए रखा जा सकता है या नहीं यह अब भाजपा के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है. हालांकि, गुरुवार सुबह कैमरे के सामने बिहार की जीत के बाद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंगाल की जीत के प्रति आश्वस्त थे. पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने यह भी कहा कि डुआर्स के नेपाली समुदाय के लोग पहले भी भाजपा के साथ थे और अब भी भाजपा के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा इस बार पहाड़ियों के लोग बिमल गुरुंग को एक संदेश देंगे. क्योंकि ममता बनर्जी के साथ लड़ते हुए, पहाड़ी लोग बिमल गुरुंग के साथ थे एवं पहाड़ के लोग इस सवाल का जवाब भी मांगेंगे कि इससे पहाड़ियों के आम लोगों को क्या फायदा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहाड़ की समस्या को हल करने और पहाड़ों में शांति बहाल करने की कोशिश की है लेकिन राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी और बिमल गुरुंग ने राज्य सरकार से हाथ मिला लिया.